17 & 18 Nov. 2018 at Kanchipuram

Dainik Bhaskar
Nov 06, 2018, 05:16 AM IST
पुष्पगीत, रांची. अब तक बच्चे ए फॉर एपल, सी फॉर कैट और आई फॉर आइसक्रीम पढ़ते रहे हैं। जल्दी ही वे ए फॉर अर्जुन, बी फॉर ब्रह्मा और सी फॉर कावेरी पढ़ेंगे। कांची कामकोटि पीठ ने यह कोर्स तैयार किया है। कांचीपुरम स्थित पीठ में शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने दैनिक भास्कर से बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नए पाठ्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी देना है। सालों से छोटे बच्चे इन सबसे अछूते हैं। इसलिए पीठ ने भारत की नदियों, रामायण, महाभारत और वेदों के पात्रों को कोर्स में शामिल किया है। नीता प्रकाशन दिल्ली और कांची कामकोटि पीठ ने इन किताबों का प्रकाशन किया है। इसे पीठ के स्कूलों समेत दक्षिण भारत के कई स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है।
झारखंड में भी पीठ ने शिक्षा, चिकित्सा और वेद से जुड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इन किताबों को झारखंड में पीठ द्वारा संचालित स्कूल के कोर्स में शामिल किया जाएगा। शंकराचार्य ने कहा कि वर्ण बोध और गोल्डन रीडर अक्षर ज्ञान के साथ-साथ पौराणिक पुरुषों के उल्लेख द्वारा ज्ञान बढ़ाने का यह एक प्रयास है।
हिंदी के वर्ण बोध में पढ़ेंगे क से कर्ण, इ से इंद्र : अ से अर्जुन, आ से आदित्य, क से कर्ण, ज से जरासंध, इ से इंद्र, ई से ईश्वर, उ से उमा, ऋ से ऋग्वेद, ए से एकलव्य, औ से अौषध, अं से अंगद आदि।
और अंग्रेजी के गोल्डन रीडर में ये पढ़ेंगे : ए फॉर अर्जुन, बी फॉर ब्रह्मा, सी फॉर कावेरी, डी फॉर दुर्गा, ई फॉर एकलव्य, जी फॉर गणेशा, ए फॉर हरा (शंकर), आई फॉर इंडिया, के फॉर कृष्णा, एल फॉर लक्ष्मी, एम फॉर मारुति(हनुमान), पी फॉर परशुराम, वाई फॉर यशोदा आदि।
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